Monday, July 5, 2010

मोहब्बत की बारिश ....

मोहब्बत की बारिश ....
जिसे छूने की ख्वाहिश मे....
हथेलिया ...

तोह गीली हो जाती है ॥,
पर हाथ हमेशा

खाली ही रहते है...

हद

वोह जिसके लिए ....
हमने सारी हदें ..तोड़ दी
....अब वही हमसे कहती है ,
अपनी हद मै रहा करो !!!

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